: NEET-UG में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं, NTA में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार: शिक्षा मंत्री
Sun, Jun 16, 2024
केंद्रीय शिक्षा मंत्री
धर्मेंद्र प्रधान
ने 13 जून को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में पेपर लीक के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दावों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी छात्र नुकसान में न रहे। राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) के परिणाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा 4 जून को घोषित किए गए।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री के रूप में दूसरी बार कार्यभार संभालने के बाद श्री प्रधान ने संवाददाताओं से कहा
, "
नीट-यूजी
में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं है । एनटीए में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं, यह एक बहुत ही विश्वसनीय संस्था है। यह उच्च शिक्षा स्तर पर परीक्षाओं के अलावा हर साल 50 लाख से अधिक स्कूली छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करती है।"उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एनटीए ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी में
1,563
अभ्यर्थियों को अनुग्रह अंक देने का निर्णय रद्द कर दिया गया है और उन्हें
23 जून
को पुनः परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा।"यदि ये अभ्यर्थी दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते हैं, तो उनके पिछले अंक, बिना ग्रेस मार्क्स के, परिणाम के उद्देश्य से दिए जाएंगे। पहले दिए गए ग्रेस मार्क्स एनटीए की मर्जी से नहीं थे, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के फॉर्मूले पर आधारित थे, उन गणनाओं का एक आधार है। यदि कुछ विसंगतियां हैं, तो उन्हें सुधारा जाएगा और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी छात्र नुकसान में न रहे,"
श्री प्रधान
ने कहा।[caption id="attachment_8645" align="alignnone" width="276"]
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 13 जून, 2024 को नई दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय में कार्यभार संभालते हुए। | फोटो क्रेडिट: आरवी मूर्ति[/caption]मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं और अंक बढ़ा-चढ़ाकर बताने के आरोपों के कारण एनटीए आलोचनाओं के घेरे में आ गया है।शिक्षा मंत्रालय ने पिछले सप्ताह
1,563 छात्रों
को दिए गए अनुग्रह अंकों की समीक्षा करने के लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन किया था, ताकि कुछ केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण “समय की हानि” के लिए उन्हें मुआवजा दिया जा सके।
श्री प्रधान ने कहा
, "इस पैनल की अध्यक्षता यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी ने की थी और इसमें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के सचिव के अलावा अन्य लोग भी शामिल थे। प्रत्येक शिकायत की समीक्षा की गई और उसके बाद ही पैनल ने अपनी सिफारिशें कीं।"सर्वोच्च न्यायालय ने
11
जून को कहा था कि
नीट-यूजी,
2024 की पवित्रता प्रभावित हुई है, हालांकि एनटीए ने इस आरोप से इनकार किया है।हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।केंद्र ने 13 जून को सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया, "यदि
1,563
में से कोई अभ्यर्थी पुनः परीक्षा नहीं देना चाहता है तो परिणाम के लिए उसे बिना किसी अनुग्रह अंक के पहले दिए गए अंक दिए जाएंगे।"इसमें कहा गया है, "पुनः परीक्षा के परिणाम
30
जून को घोषित किए जाएंगे और एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होगी।"
: कॉलेजों में अब दो बार एडमिशन और दो बार होंगे फाइनल एग्जाम नया नियम लागू
Wed, Jun 12, 2024
College Admission Twice A Year
: भारतीय विश्वविद्यालयों (
Indian universities
) और उच्च शिक्षण संस्थानों (
higher educational institutions
) को अब विदेशी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर साल में दो बार प्रवेश (twice a year Admission) देने की अनुमति होगी. यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार (M . Jagdish kumar) ने यह जानकारी दी. यूजीसी अध्यक्ष (UGC Chairman) ने बताया कि भारतीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अब विदेशी विश्वविद्यालयों में साल में दो बार प्रवेश देने की अनुमति होगी, यूजीसी ने इस योजना को हरी झंडी दे दी है. शैक्षणिक सत्र 2024-25 के जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दो बार प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी. कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘यदि भारतीय विश्वविद्यालय वर्ष में दो बार प्रवेश दे सकें, तो इससे कई छात्रों को लाभ होगा, जैसे कि वे छात्र जो बोर्ड परीक्षा के परिणामों की घोषणा में देरी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या व्यक्तिगत कारणों से जुलाई-अगस्त सत्र में किसी विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने से चूक गएं ।
रोजगार के अवसर बेहतर होंगे
उन्होंने कहा, ‘‘साल में दो बार विश्वविद्यालयों में प्रवेश से छात्रों को प्रेरणा बनाए रखने में मदद मिलेगी क्योंकि यदि वे वर्तमान सत्र में प्रवेश से चूक जाते हैं तो उन्हें प्रवेश पाने के लिए एक पूरा वर्ष इंतजार नहीं करना पड़ेगा. साल में दो बार प्रवेश के साथ, उद्योग जगत के लोग भी वर्ष में दो बार अपने ‘कैंपस' चयन की प्रक्रिया संचालित कर सकते हैं, जिससे स्नातकों के लिए रोजगार के अवसर बेहतर होंगे ।
साल में दो बार प्रवेश
यूजीसी प्रमुख ने बताया कि साल में दो बार प्रवेश से उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) को अपने संसाधन वितरण, जैसे संकाय, प्रयोगशाला, कक्षाएं और सहायक सेवाओं की योजना अधिक कुशलतापूर्वक बनाने में मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय के भीतर सुगमता से कामकाज होगा ।
दुनियाभर में द्विवार्षिक प्रवेश प्रणाली
कुमार ने कहा, दुनियाभर के विश्वविद्यालय पहले से ही द्विवार्षिक प्रवेश प्रणाली का पालन कर रहे हैं. यदि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान द्विवार्षिक प्रवेश चक्र को अपनाते हैं, तो हमारे उच्च शिक्षा संस्थान अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और छात्र आदान-प्रदान को बढ़ा सकते हैं. परिणामस्वरूप, हमारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा और हम वैश्विक शैक्षिक मानकों के अनुरूप होंगे.'' उन्होंने कहा, ‘‘यदि उच्च शिक्षा संस्थान द्विवार्षिक प्रवेश को अपनाते हैं, तो उन्हें प्रशासनिक पेचीदगियों, उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए अच्छी योजना बनाने तथा वर्ष के अलग-अलग समय में प्रवेश पाने वाले छात्रों के साथ सुचारु तरीके से तालमेल बैठाने के लिए निर्बाध सहायता प्रणाली प्रदान करनी होगी. उच्च शिक्षा संस्थान द्विवार्षिक प्रवेश की उपयोगिता को तभी अधिकतम कर सकते हैं, जब वे संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्रों को बदलाव के लिए पर्याप्त रूप से तैयार करें ।
विश्वविद्यालय बांध्य नहीं होंगे
कुमार ने हालांकि स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालयों के लिए साल में दो बार प्रवेश देना अनिवार्य नहीं होगा और जिन उच्च शिक्षण संस्थानों के पास आवश्यक ढांचा और शिक्षक संकाय है, वे इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए द्विवार्षिक प्रवेश देना अनिवार्य नहीं होगा, यह वह लचीलापन है जो यूजीसी उन उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रदान करता है जो अपने छात्रों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं और उभरते क्षेत्रों में नए कार्यक्रम पेश करना चाहते हैं. साल में दो बार छात्रों को प्रवेश देने में सक्षम होने के लिए, उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने संस्थागत नियमों में उपयुक्त संशोधन करने होंगे ।
https://x.com/gshelpworld/status/1800795351521362352?t=2VYTOECgTXkqqcf3SjeP6Q&s=19
: अब उच्च शिक्षा संस्थान में दाखिला होगा आसान
Fri, Mar 1, 2024
बीते दिनों देश के दूर- दराज गांवों में सीएससी के जरिए APAAR की शुरुआत की गई APAAR यानी
Automated Permanent Academic Account
Registry.
APAAR का उद्देश्य है
One nation, One Student ID', APAAR की संकल्पना नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP, 2020) के तहत की गई है जिसमें कॉलेज यूनिवर्सिटी जाने वाले सभी छात्रों को ABC यानी एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स पर पंजीकरण करना जरुरी है. नए नियम के मुताबिक किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए ABC ID होना जरूरी है. इस सेवा के लिए छात्र को कहीं और जाने की जरूरत नहीं है बल्कि यह नजदीकी सीएससी केंद्र पर उपलब्ध है. सीएससी के माध्यम से इस योजना ।की शुरुआत करते हुए, श्री संजय कुमार, सचिव-डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन ऐंड लिटरेसी ने कहा, "देश में डिजिटल सेवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सीएससी के माध्यम से स्कूली शिक्षा में डिजिटल सेवाओं का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं.""हम चाहते हैं कि स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों को तत्काल प्रोविजिनलA PAAR ID प्रदान किया जाए. और इसको आधार से ऑथंटिकेट करके डिजी लॉकर से जोड़ा जाए. सीएससी की मदद से हमें इस काम में बड़ी मदद मिल सकती है. वीएलई के लिए हम सेवा में एक बिजनेस मॉडल पर विचार कर रहे हैं. यह प्रणाली स्कूली बच्चों की शिक्षा और भविष्य में उनकी उच्च शिक्षा को अधिक पारदर्शी और आसान बनाएगा." इस मौके पर सचिव- डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन, श्री के, संजय मूर्ति नेसरकार द्वारा शुरु किए गए नए प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मोंसमर्थ और स्वयं के
महत्व पर प्रकाश डाला ।
उन्होंने इस बात डिजिटल सशक्तिकरण पर जोर दिया कि छात्रों के लाभ के लिए समर्थ, स्वयं और दीक्षा (स्कूल स्तर पर) के लाभ उठाने पर जोर दिया जा रहा है कार्यक्रम में सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए, सीएससी एसपीवी के एमडी-सीईओ, संजय राकेश ने बताया, "APAAR ID को लोकप्रिय बनाना इस समय बड़ी जरुरत है. हमारे वीएलई स्कूलों में जाएं और जरूरत पड़ने पर वहीं पर छात्रों का नामांकन करके उनको APAAR ID प्रदान करें "बहुत से ऐसे स्कूल हैं जिनके पास ऑनलाइन सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचा नहीं है. इस संबंध में सीएससी वीएलई इनकी बड़ी मदद सकते हैं."
ABC की खास बातें
एकेडमिक बैंक स्टूडेंट का एकेडमिक रिकॉर्ड रखने, खोलने, बंद करने, उसे वैरीफाई करने के लिए जिम्मेदार होगा इसके अंतर्गत स्टूडेंट्स जिन कोर्सेस में एडमिशन ले सकते हैं उनमें ऑनलाइन और डिस्टेंस मोड के कोर्स भी शामिल है. इसकी मदद से ये सीधे किसी कोर्स के सेकेंड ईयर में एडमिशन ले सकते हैं.