कोरोना वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचाई है और इसने दुनिया को वो सब दिख दिया जो आम आदमी तो क्या बड़े बड़े वैज्ञानिकों ने भी कभी नही सोचा होगा।इसने दुनियाभर मे अपने प्रभाव से पूरी मानवता को खतरे में डाल दिया।लाखों लोगों के जान लेने वाला यह वायरस अपने आप मे अनोखा है।
ये किसी ने नही सोचा था कि SARS COV 2 वायरस अपने इतने स्वरूप दिखायेगा की आज की मेडिकल साइंस(Medical Science) भी इसको रोकने में विफल हो जाएगी।ये वायरस इतना जल्दी स्वरूप बदलता है कि इसकों समझ पाना और रोक पाना काफी मुश्किल होता है और जब तक समझ मे आता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
कोरोना वायरस के दुनिया भर में अलग अलग वैरिएंट्स मिलें हैं और इसमें सबसे आश्चर्यचकित कर देनी वाली बात यह है कि इसके सभी वैरिएंट एक दूसरे से अलग है।सभी वैरिएंट अपने आप मे खतरनाक है और कुछ न कुछ नए लक्षणों के साथ आते हैं।
कोरोना के अलग अलग वैरिएंट अलग अलग देशों में पाए गए हैं और ये जहां भी पाए गए हैं वहां इन्होंने भयानक तबाही मचाई है।ये सभी वैरिएंट्स सामान्य SARS COV 2 से बहुत ज्यादा घातक हैं।
WHO ने किस वैरिएंट को क्या नाम दिया?
SARS COV 2 के प्रमुख एवं खतरनाक वैरिएंट ब्रिटेन(Britain), दक्षिण अफ्रीका(South Africa) ,ब्राज़ील(Brazil) और भारत(India) में पाए गए हैं।इनमे से ब्रिटेन में मील वैरिएंट का नाम (Alpha) रखा गया है तो वंही दक्षिण अफ्रीका में मिलें वैरिएंट का नाम ‘बीटा’(Beta) रखा गया है।
ब्राज़ील में मिले खतरनाक वैरिएंट का नाम ‘गामा’(Gamma) रखा गया है।अब बात आती है अपने भारत की तो वो वैरिएंट जिसने ना सिर्फ भारत को बल्कि पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया वो था B.1.617.2 वैरिएंट जो की सबसे पहले भारत मे मिला था।अब इस वैरिएंट का नाम ‘डेल्टा’(Delta) रख दिया गया है।
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