मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने गुरुवार को स्वच्छता प्रेरणा कार्यशाला एवं “स्वच्छता की बुनियाद” अभियान में नगरीय निकायों को सम्मानित करते हुए बताया की देश के अन्य राज्यों में नगरीय विकास के क्षेत्र में हो रहे नवाचार और विकास के कार्यों को देखने अधिकारियों की टीम भेजी जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान को निरंतरता देने के उद्देश्य से हर तीन माह में नगरीय निकायों का मूल्यांकन और उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।
अगली बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से करायेंगे सम्मानित
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि अगले तीन माह के बाद होने वाली रैंकिंग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नगरीय निकायों को सम्मानित करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ राज्य स्तर की श्रेणी रहेगी। संभाग स्तर की श्रेणी नहीं रहेगी।
अच्छी रैंकिंग पर पदोन्नति में प्राथमिकता पर विचार
श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण के साथ ही अन्य विकास कार्यों में भी बेहतर रैंकिंग लाने वाले निकायों के अधिकारियों और कर्मचारियों को पदोन्नति में प्राथमिकता देने पर विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शहरों का समुचित विकास होना चाहिये। स्वच्छता के साथ ही अन्य विकास कार्य भी हों। मूल्यांकन भी समग्र रूप से होना चाहिये।
उन्होंने बताया कि इस संकल्प के साथ कार्य करें कि शहर स्वच्छ हों, हरे-भरे हों और नागरिक स्वस्थ हों। उन्होंने बताया कि नगरीय निकायों को एमआरएफ, एफएसटीपी और कम्पोस्टिंग इकाई जैसी अन्य सुविधाओं के लिये बजट उपलब्ध कराया जायेगा।
2 अक्टूबर से अमृत और स्वच्छ भारत मिशन फेज-2
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार आगामी 2 अक्टूबर से अमृत और स्वच्छ भारत फेज-2 का शुभारंभ करेगी। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय निकाय इस संबंध में पहले से प्रोजेक्ट तैयार कर लें। उन्होंने बताया कि प्रदेश विभिन्न योजनाओं में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कर रहा है। स्ट्रीट वेण्डर फेज-1 में द्वितीय और फेज-2 में प्रथम स्थान पर है। फेज-2 में मध्यप्रदेश में सागर नम्बर-1 पर है।
अधिकारियों की होगी कार्यशाला
भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों के अधिकारियों की एक कार्यशाला की जायेगी, जिसमें जमीनी स्तर पर आ रही कठिनाइयों के संबंध में उनके सुझाव साझा किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कई नगर निगमों ने अच्छा काम किया है, उन्हें सम्मानित करने के साथ ही जिन्होंने अच्छा काम नहीं किया है, उनके कारण भी ढूंढे जायेंगे।
कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नगरीय निकाय मैहर, दतिया एवं जबलपुर के स्वच्छता गीतों और स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के पोस्टर का विमोचन किया।
प्रमुख सचिव मनीष सिंह ने कहा कि स्वच्छता अभियान में इन्फ्रा-स्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ ही नागरिकों को भी इससे जोड़ें। इस बात का विश्लेषण करें कि स्वच्छतम वार्डों में बीमारी की क्या स्थिति है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के मामले में प्रदेश के शहरों की चर्चा देश और विदेश में भी हो रही है।
आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के लिये जनवरी में सर्वे होगा। इसके लिये अभी से पूरी तरह से तैयारी करें और पिछली बार से बेहतर रैंक लायें। उन्होंने कहा कि आप जो काम कर रहे हैं, उसे सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से जनता तक पहुँचायें। उन्होंने बताया कि निकायों के मूल्यांकन में मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी, फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट, कम्पोस्टिंग यूनिट्स के प्रबंधन, संचालन एवं रख-रखाव आदि बिन्दुओं को आधार बनाया गया है। प्रदेश के 36 नगरीय निकायों को कुल 71 सम्मान के लिये चयनित किया गया है। राज्य स्तर के 29 और संभाग स्तर के 42 सम्मान दिये गये हैं। मिशन संचालक गौरव बैजल ने स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों की जानकारी दी।
राज्य स्तरीय परिणाम
नगर निगम श्रेणी में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट में छिंदवाड़ा प्रथम, खण्डवा द्वितीय और सागर तृतीय स्थान पर रहा। मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी में सिंगरौली प्रथम, रतलाम द्वितीय और देवास तीसरे स्थान पर है। कम्पोस्टिंग इकाई में सिंगरौली प्रथम, छिंदवाड़ा द्वितीय और रतलाम तृतीय रैंक पर है। नगर निगमों में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को इस श्रेणी से बाहर रखा गया है।
नगरपालिका वर्ग में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट में पांढुर्ना और पीथमपुर को प्रथम, अशोकनगर को द्वितीय और नागदा को तृतीय रैंक मिली। मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी में नरसिंहपुर को प्रथम, धनपुरी एवं पीथमपुर को द्वितीय तथा दमुआ को तृतीय रैंक मिली। कम्पोस्टिंग इकाई में खाचरोद को प्रथम दमुआ को द्वितीय और छतरपुर को तृतीय रैंक मिली।
नगर परिषद वर्ग में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) में सैलाना को प्रथम, शाहगंज को द्वितीय और पिपलिया मण्डी को तृतीय रैंक मिली। मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी (एमआरएफ) में शाहगंज को प्रथम, पिपलिया मण्डी को द्वितीय और मुंगावली को तृतीय रैंक मिली। कम्पोस्टिंग इकाई सैलाना को प्रथम, अथाना को द्वितीय और पिपलिया मण्डी को तृतीय रैंक मिली।
संभाग स्तरीय परिणाम
नगरपालिका वर्ग में नर्मदापुरम् संभाग में एफएसटीपी में सारणी, एमआरएफ में सिवनी-मालवा और कम्पोस्ट यूनिट में बैतूल को प्रथम रैंक मिली है। ग्वालियर संभाग में तीनों श्रेणी में अशोकनगर, इंदौर संभाग में तीनों श्रेणी में पीथमपुर को प्रथम रैंक मिली है। जबलपुर संभाग में एफएसटीपी में पांढुर्ना, एमआरएफ में नरसिंहपुर और कम्पोस्ट यूनिट में दमुआ को प्रथम रैंक मिली है। रीवा संभाग में एफएसटीपी में सीधी को प्रथम रैंक मिली है। शहडोल संभाग में एमआरएफ में धनपुरी को, सागर संभाग में एफएसटीपी में नौगाँव, एमआरएफ और कम्पोस्ट यूनिट में छतरपुर तथा उज्जैन संभाग में एफएसटीपी और एमआरएफ में नागदा और कम्पोस्ट यूनिट में खाचरोद को प्रथम रैंक मिली है।
नगर परिषद वर्ग में भोपाल संभाग में शाहगंज को और नर्मदापुरम् संभाग में बैतूल बाजार को तीनों श्रेणी में प्रथम रैंक मिली है। ग्वालियर संभाग में एफएसटीपी और कम्पोस्ट यूनिट में लहार और एमआरएफ में मुंगावली को प्रथम रैंक मिली है। इंदौर संभाग में एफएसटीपी में अंजड़, एमआरएफ में छनेरा और कम्पोस्ट यूनिट में हातोद को प्रथम रैंक मिली है।
जबलपुर संभाग में एफएसटीपी में लखनादौन, एमआरएफ में पाटन, कम्पोस्ट यूनिट में डिण्डोरी, रीवा संभाग में एमआरएफ में रामपुर बघेलान को प्रथम रैंक मिली है। सागर संभाग में एफएसटीपी में खजुराहो तथा एमआरएफ एवं कम्पोस्ट यूनिट में देवेन्द्र नगर को प्रथम रैंक मिली है। उज्जैन संभाग में एफएसटीपी और कम्पोस्ट यूनिट में सैलाना तथा एमआरएफ में पिपलिया मण्डी को प्रथम रैंक मिली है।
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