अब मकान, प्लॉट, खेती की जमीन की रजिस्ट्री अपनी बहन, पत्नी, बेटी के नाम से कराने पर आपको दो फीसद की छूट दी जाएगी। यह छूट रजिस्ट्री के लिए लगने वाले तीन प्रतिशत पंजीयन शुल्क में से दी जाएगी। महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री कराने पर तीन की जगह एक फीसद ही पंजीयन शुल्क लगेगा। इस तरह शहरी क्षेत्र में होने वाली रजिस्ट्री 12.5 फीसद की जगह 10.5 फीसद पर होगी। इससे एक करोड़ रुपये की संपत्ति पर करीब दो लाख रुपये की बचत होगी। अगर महिलाओं के नाम पर 30 साल से अधिक की लीज पर कोई जमीन, दुकान या मकान ले रहे हैं तो स्टांप शुल्क 75 की जगह 35 फीसद ही देना होगा।
यानी जहां पहले 75,000 रुपये देने पड़ते थे, वहां महिलाओं के नाम पर लीज लेने पर 35 हजार रुपये ही देने होंगे। इसके आदेश वाणिज्यिक कर विभाग से जारी होने के बाद गजट नोटिफिकेशन बुधवार को जारी कर दिया गया है। यह छूट आगामी आदेश तक दी जाएगी।
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की थी। इस घोषणा के एक महीने बाद इस मामले में सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इधर, राजधानी में बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी के खरीदार रजिस्ट्री की डीड रोककर बैठे थे। इसके पीछे कारण था मुख्यमंत्री की घोषणा। पिछले साल अप्रैल में जहां प्रतिदिन 350 रजिस्ट्री होती थी, वह संख्या घटकर अब 292 हो गई है। इसका बड़ा कारण है कि लोगों ने संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए जो डीड पंजीयक वकीलों और सर्विस प्रोवाइडर से अपने नाम पर लिखवाई थी, अब उसे निरस्त कर फिर से पत्नी के नाम पर दस्तावेज बनवा रहे हैं। अभी 70 फीसदी रजिस्ट्री पुरुषों के नाम पर होती है, जबकि 30 फीसदी महिलाओं के नाम पर होती है।