मध्य प्रदेश कर्मचारियों के काम की खबर। दरअसल एमपी में कर्मचारियों के लिए सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है। जिसका फायदा कर्मचारियों को होगा। आइए जानते है सरकार की इस नई व्यवस्था के बारे में।
सार्थक एप केवल कर्मचारी की लोकेशन के साथ साथ और कई महत्वपूर्ण कार्य भी करेगा। इसकी खास बात ये है कि इस व्यवस्था से कर्मचारी-अधिकारी छुट्टी के लिए भी आवेदन कर सकेंगे और मप्र शासन से किसी भी प्रकार का पत्राचार इस एप से हो जाएगा। ‘सार्थक’ मध्य प्रदेश सरकार का पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन है।
जिससे अब कर्मचारी को पत्रचार करने संबंधी परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। इससे काम काम सरल और शीघ्र होगा। प्रदेश के चिकित्सा विभाग ने भी सभी कर्मचारियों की अटेंडेंस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से लगाने के निर्देश दिए है।
इसके तहत सभी कर्मचारियों का जीपीएस रिकार्ड रहेगा, जिससे डाक्टरों की उपस्थिति के साथ उनकी लोकेशन का भी पता चल जाएगा। स्वास्थ्य आयुक्त ने 3जनवरी को आदेश जारी करते हुए एक सप्ताह में इस पर अमल कराने के निर्देश सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जन को दिए थे। जीपीएस आधारित सार्थक मोबाइल एप से ही अस्पतालों में चिकित्सकों और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। यह 7 जनवरी के बाद सभी के लिए अनिवार्य किया गया।असल में यह नियम ओपीडी के समय डाक्टरों की अनुपस्थित रहने की शिकायतें लगातार मिलती रहीं है। जिसको लेकर सार्थक एप से निगरानी रखने का निर्णय लिया गया।
जिसमें उपस्थिति दर्ज होने पर जीपीएस के माध्यम से डाक्टर व कर्मचारियों के लोकेशन का पता चल जाएगा। सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज करने को लेकर डाक्टर व कर्मचारी विरोध में हैं। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष महेन्द्र जैन का कहना है कि हर कर्मचारी पर एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है। जबकि कई कर्मचारी मोबाइल फोन चलाना तक नहीं जानते। ऐसे में वह एप पर कैसे उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। कई कर्मचारी 5 से 7 हजार रुपये मासिक वेतन पर काम कर रहे हैं।
ऐसे में वह मोबाइल खरीदने से लेकर उसके रीचार्ज आदि का आर्थिक भार नहीं उठा सकते। प्रदेश सरकार ने इससे पहले शिक्षा विभाग में भी सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास कर चुकी है। लेकिन ग्रामीण आदि क्षेत्रों में नेटवर्क की खासी परेशानी है इसलिए वहां पर आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती। इसलिए शासन का सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज कराने के निर्णय का हम लोग विरोध कर रहे हैं।
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