Health Ministry India ने कहा कि भारत में एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड लगवाने वाले कुछ लोगों में रक्त के थक्के यानि ब्लड क्लॉट के होना पाया गया है। भारत में इस टिके को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने AEFI समिति की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि भारत में AEFI के रिपोर्ट से पता चला है कि देश में ब्लड क्लॉट या थ्रोम्बोम्बोलिक के बहुत कम मामले देखने को मिले हैं।
ब्लड क्लॉट क्या है
इसे मेडिकल भाषा में थ्रोम्बोम्बोलिक (Thromboembolic) कहा जाता है. इसमें रक्त वाहिका में थक्के बन सकते हैं जो ढीले भी हो सकते हैं।यह रक्त प्रवाह द्वारा दूसरी कोशिकाओं में जा सकते हैं।
ब्लड क्लॉट के इन लक्षणों पर रखें नजर
एमपी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने लोगों को ब्लड क्लॉट के लक्षणों के बारे में जागरूक करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये हैं। मंत्रालय ने कहा है कि टीका लगवाने के 20 दिनों के भीतर आपको इसके लक्षण महसूस हो सकते हैं। मंत्रालय की एडवाइजरी में बताए गए लक्षणों की सूची इस प्रकार है।
1.सांस फूलना
2.सीने में दर्द
3.अंगों में दर्द/अंगों को दबाने पर दर्द या अंगों में सूजन
4.इंजेक्शन साइट की तरफ हिस्से में पिनहेड आकार के लाल धब्बे या त्वचा की चोट
5.उल्टी के साथ या बिना लगातार पेट दर्द
6.उल्टी के साथ या बिना दौरे पड़ना
7.उल्टी के साथ या बिना गंभीर और लगातार सिरदर्द होना
8.अंगों या किसी विशेष पक्ष या शरीर के हिस्से (चेहरे सहित) की 9.कमजोरी / पक्षाघात
10.बिना किसी स्पष्ट कारण के लगातार उल्टी होना
11.धुंधली दृष्टि या आंखों में दर्द या दोहरी दृष्टि होना
12.मानसिक स्थिति में परिवर्तन या भ्रम या चेतना का खोना
कोई अन्य लक्षण या स्वास्थ्य स्थिति जो टीका लगवाने के बाद महसूस होती है
एईएफआई समिति के अनुसार, उन्होंने 498 गंभीर मामलों की गहन समीक्षा की है, जिनमें से 26 मामलों को संभावित थ्रोम्बोम्बोलिक (रक्त वाहिका में एक थक्का का बनना) के रूप में सूचित किया है। कोविशील्ड वैक्सीन के मामले में इसकी दर प्रति मिलियन खुराक में 0.61 है।
WHO ने माना, कोविशील्ड टीके का दुष्प्रभाव है खून में थक्के जमना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ग्लोबल एडवाइजरी कमेटी ऑन वैक्सीनेशन सेफ्टी (GACVS) ने कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद सामने आ रहे रक्त के थक्के के मामलों पर एक बयान जारी किया है।
समिति ने कहा कि कोविशील्ड और वैक्सजरिया वैक्सीन लेने के बाद रक्त का थक्का जमने का एक दुर्लभ विकार थ्रॉम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) सामने आ रहा है, जो आमतौर पर कम प्लेटलेट काउंट से जुड़ा होता है।
नेटवर्क 18 की रिपोर्ट के अनुसार, वे सभी टीके जिनमें रक्त के थक्कों के मामलों की सूचना दी गई है वे एडेनोवायरल टीके हैं। जबकि एमएफएनए वैक्सीन जैसे फाइजर, मॉडर्न, बायोनेट और स्पुतनिक वी का अभी तक कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं आया है।
पिछले कुछ दिनों में कई देशों में टीका लगवाने के बाद रक्त के थक्के जमने के मामले सामने आए। हाल ही में, अमेरिकी संघीय स्वास्थ्य एजेंसियों ने 50 से कम आयु की छह महिलाओं में ऐसा मामला देखने के बाद जॉनसन एंड जॉनसन टीके के उपयोग को रोकने की सिफारिश की थी।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के अध्ययनों से संकेत मिलता है ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की कोरोना वैक्सीन ‘कोविशिल्ड’ के कुछ साइड इफेक्ट सामने आये हैं जिनमें खून के थक्के जमना और थ्रोम्बोसिस की जटिलता शामिल हैं।
क्या ब्लड क्लॉट जमना गंभीर समस्या है
भारत में खून के थक्के जमने की कोई घटना अभी तक सामने नहीं आई है। हालांकि कई देशों ने दो टीकों के उपयोग को रोक दिया है। बताया जा रहा है कि दुर्लभ मामलों में ऐसा पाया गया है। बावजूद इसके टीके को सुरक्षित बताया जा रहा है।
Read Also-
GRMC Staff Nurse Recruitment 2021: 238 स्टाफ नर्स पदों की वेकेंसी के लिए करें आवेदन।