मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर बड़ी राहत मिली है। प्रदेश में प्रस्तावित बिजली की मंहगाई फिलहाल टल गई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में बिजली के दाम करीब 10 फीसदी बढ़ाने की मांग वाली बिजली कंपनियों की याचिका तकनीकी वजहों से रद्द कर दी है।
बिजली कंपनियों ने इलेक्ट्रिसिटी रैगुलेशन के नियम नोटिफाई होने से पहले ही दाम बढ़ाने की याचिका दायर कर दी थी, जिसे प्रावधानों के खिलाफ मानकर आयोग ने याचिका निरस्त कर दी है। हालांकि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिया है कि वो तय प्रावधानों का पालन करते हुए नई टैरिफ याचिका दायर करें लेकिन फिलहाल बिजली की मंहगाई टलने से उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
30 नवंबर को बिजली कंपनियों ने दायर की थी याचिका
बता दें कि मध्य प्रदेश में बिजली की दरें तय करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी रैगुलेशन 3 दिसंबर 2021 को नोटिफाई किया गया था लेकिन इससे पहले ही 30 नवंबर को बिजली कंपनियों ने बिजली की दरें बढ़ाने की याचिका दायर कर दी थी। इसके खिलाफ पहले आपत्तियां भी दायर की गईं थीं लेकिन नियामक आयोग ने कंपनियों की याचिका सुनवाई के लिए मंजूर कर ली थी और 8 से 10 फरवरी तक जनसुनवाई भी तय कर दी थी। अब आयोग ने सुनवाई करते हुए कंपनियों की टैरिफ याचिका को प्रावधानों के खिलाफ पाया है और तकनीकि आधार पर इसे वापस कर दिया है।
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