Chaitra Navratri 2022: आज से यानी 2 अप्रैल, 2022 से चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि का पर्व 9 दिनों तक बड़े ही धूम- धाम से मनाय जाता है।
चैत्र शुक्ल नवरात्र की प्रतिपदा शनिवार को है। इसी दिन से हिंदू नववर्ष 2079 भी शुरू हो रहा है। पर्व पर मातारानी का का आगमन घोड़े पर हो रहा है।
2 अप्रैल से शुरू हुई नवरात्रि 11 अप्रैल को खत्म होगी। चैत्र नवरात्र के दौरान भक्त कड़े नियमों का पालन करते हुए उपवास रखते हैं। कई लोग फलाहार उपवास रखते हैं तो कुछ निर्जला व्रत भी रखते हैं।
नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की नौ दिन पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की असीम कृपा पाने के लिए भक्त नौ दिन तक उपवास भी रखते हैं। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। हर दिन देवी दुर्गा के एक रूप की पूजा होती है। चैत्र नवरात्र के समय ही राम नवमी का पावन पर्व भी आता है। चैत्र नवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे राम नवमी कहा जाता है।
इस साल नवरात्रि पर कुछ ऐसे शुभ संयोग भी बन रहे हैं, जो आपकी जिंदगी को संवार सकते हैं।
कई राशि वालों को आएगी परेशानी : ज्योतिषाचार्य पंडित राम तिवारी ने बताया कि इस साल चैत्र नवरात्र पर ग्रहों की विशेष युति कई राशि वालों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्र 9 दिनों के होंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि नवरात्र में किसी तिथि का क्षय और वृद्धि नहीं हो रही है। चैत्र नवरात्र में शनि और मंगल का मकर राशि में गोचर रहेगा। शनि और मंगल दोनों ही शत्रु ग्रह है इसलिए यह युति जीवन में बहुत ही नकारात्मक प्रभाव लेकर आ सकती है। कर्क, कन्या और धनु राशि वालों को शनि व मंगल की युति के दौरान सतर्क रहने की जरूरत है। जबकि मेष, मकर और कुंभ समेत अन्य राशि वालों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी। साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी। देवगुरु बृहस्पति इस दौरान शुक्र के साथ कुंभ राशि में रहेंगे। इसके अलावा मीन राशि में सूर्य, बुध के साथ मेष राशि में चंद्रमा, वृषभ राशि में राहु, वृश्चिक में केतु रहेंगे। ग्रहों की ये स्थिति भी लाभकारी रहेगी।
ग्रह गोचरों का बनेगा शुभ संयोग : ज्योतिषाचार्य पंडित राम तिवारी ने बताया कि चैत्र नवरात्र के दौरान ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बनेगा। इस नवरात्र में चार सर्वार्थ सिद्धि, सात रवियोग तथा एक रविपुष्य योग होने महत्ता बढ़ गई है। इस संयोग में नवरात्रि के मौके पर मकर राशि में न्यायप्रिय शनि, मंगल के साथ कुंभ राशि में गुरु, मीन राशि में सूर्य व बुध का गोचर होने पराक्रम में वृद्धि, कार्य में सफलता मिलेगी।
चौघड़िया अनुसार घट स्थापना का मुहूर्त :
सुबह 7.28 से 9.39 तक शुभ।
दोपहर 12.00 से 1.37 तक चर।
दोपहर 1.37 से 3.17तक लाभ।
शाम 3.17 से 4.56 तक अमृत।
शाम 7.13 से 8.42 तक लाभ।
लग्नानुसार :
सुबह 6.29 से 8.09 मेष लग्न।
सुबह 8.09 से 10.07 वृष लग्न।
दोपहर 2.38 से 4.50 सिंह लग्न।
रात्रि 7.01 से 9.16 तुला लग्न।
रात्रि 9.16 से 11.32 वृश्चिक लग्न।
विशेष : अभिजीत मुहूर्त 11.56 से 12.44 तक।
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