भारत अपने रक्षा क्षेत्र पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रहा है और समय को देखते हुए यही जरूरी भी है।अगर भारत को चीन और पाकिस्तान को एक साथ मुँहतोड़ जवाब देना है तो भारत को आने रक्षा क्षेत्र का विकास करना होगा व पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनना होगा।इसी को लेके केंद्र सरकार ने एक बड़ा और एहम फैसला लिया जिसके अंतर्गत 200 साल पुराने आयुध निर्माण बोर्ड(Ordinance Factory Board) का पुनर्गठन होगा।
भारत में रक्षा क्षेत्र से जुड़ी हुई ज्यादातर कंपनियां सरकारी है जिनके चलते एक तो काम का बोझ बहुत रहता है साथ ही काम की गति और भी असर पड़ता है।इसलिए आयुध निर्माण बोर्ड में व्यवसायिकता लेन,काम की गति में तेजी व उत्पादों की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए इसको फिर से पुनर्गठित किया जएगा।आपको बता दें कि (Ordinance Factory Board के पुनर्गठन का प्रस्ताव काफी दिनों से लंबित था जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी गयी।
7 अलग इकाइयों में टूटेगा आयुध निर्माण बोर्ड
दरअसल जितना भी गोला बारूद ,बुलेट्स ,हथियार, पैराशूट आदि सैन्य साजो सामान है उसे आयुध निर्माण बोर्ड ही पिछले 200 सालों से बना रहा है और कई बार काम के बोझ के चलते इनके कई उत्पादों खासकर की गोला बारूद व विस्फोटक की गुणवत्ता में कमी देखी गयी।अब हाल ही में ऐसे कई घटनाएं सामने आई जब आयुध निर्माण द्वारा बनाया गया गोला बारूद बैरल के अंदर ही फुट गया जिससे कि सैन्य उपकरणों को काफी नुकसान हुआ।इसके बाद से ही इसके पुनर्गठन को लेके मांग बढ़ने लगी।
अब इस 200 साल पुराने आयुध निर्माण बोर्ड को 7 अलग अलग कंपनियों में बांट दिया जाएगा जिससे की गुणवत्ता में सुधार,काम मे तेजी व उत्पादन क्षमता व कुशलता में वृद्धि होगी।इसके साथ ही काम की जवाबदेही भी तय होगी।आयुध निर्माण बोर्ड इन सात इकाइयों में टूटेगा- गोल-बारूद एवं विस्फोटक समूह,वाहन समूह,हथियार एवं उपकरण समूह,सैनिक सहायता सामग्री समूह,सहायक समूह,ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स समूह और पैराशूट समूह।