भारत को दुनिया की उभरती हुई महाशक्ति ऐसे ही नही माना जाता इसके पीछे कई कारण है उनमें से सबसे प्रमुख कारण है भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था(economy)।भारत को दुनिया की नई आर्थिक महाशक्ति(economic superpower) के रूप में देखा जाने लगा है और यही कारण है कि भारत मे लोग बढ़ चढ़कर निवेश कर रहें है जिसका सीधा असर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार(foreign exchange reserve) पर देखने को मिल रहा है।
अब भारत ने एक नया इतिहास(history) रचते हुए पूरी दुनिया को सकते में दाल दिया है,दरअसल पिछले हफ्ते के शुक्रवार तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 598.2 बिलियन डॉलर था लेकिन RBI के गवर्नर शशिकांत दास के मुताबिक अब तक तो विदेशी मुद्रा भंडार 600 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पर कर चुका होगा और एक नया कीर्तिमान स्थापित कर चुका होगा।
आपको बताते चलें कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वैसे ही अपने रिकॉर्ड स्तर पर है और हर हफ्ते नए रिकॉर्ड तोड़ रहा है।पिछली साल ही भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 500 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पर कर इतिहास के सर्वश्रेष्ठ स्तर पर पहुंच गया था।
क्यों इतनी तेजी से बढ़ रहा है भारत के विदेशी मुद्रा भंडार?
भरते के विदेशी मुद्रा भंडार के इतनी तेजी से बढ़ने की प्रमुख वजह है फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट(FDI) यानी भारत मे बड़ी बड़ी विदेशी कंपनियां जैसे गूगल,माइक्रोसॉफ्ट,एप्पल,सैमसंग आदि बढ़ चढ़ कर निवेश कर रहीं है।इसका एक और प्रमुख कारण है पी एल आई(PLI) योजना जिसके तहत दुनिया भर की कंपनियां अलग अलग क्षेत्र में अपनी औद्योगिक इकाइयों को भारत मे खोलेंगी और यहीं पर मैन्युफैक्चरिंग(manufacturing) करेंगी, जिससे भारत मे भारी निवेश(investment) होगा।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के लिए बहुत जरूरी होता है।यह का वो खज़ाना है जिसमे कई विदेशी मुद्राएं(foreign currency) जैसे कि डॉलर,यूरो आदि होती है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में व्यापार करते वक्त उन सभी मुद्राओं का उपयोग किया जा सके व किसी भी आपातकालीन स्थिति में उस मुद्रा का प्रयोग करके देश की अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके।
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