पाकिस्तान भारत से हारने और भारत के आगे झुकने का कोई मौका नही छोड़ता।इतिहास गवाह है कि जब जब पाकिस्तान भारत से लड़ा है तब तब उसने मूं की ही खाई है।अब कुलभूषण जाधव के मामले में भी पाकिस्तान को भारत के आगे झुकना पड़ा है।दरअसल कुलभूषण जाधव को लेके भारत को पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी kulbhushan jhadav इस समय पाकिस्तान की गिरफ्त में हैं और दुनिया जानती है कि पाकिस्तान भारत के लोगों से कितनी नफरत करता है ऐसे में भारत को कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की कैद से छुड़ाना बड़ी चुनौती थी।अब इसी केस में भारत को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने कानून में प्रावधान करते हुए कुलभूषण जाधव को राइट टू अपील की इजाज़त दे दी है।
राइट टू अपील से क्या होगा फायदा?
अब जब कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने कुलभूषण जाधव को राइट टू अपील की इजाज़त दे दी है तो कुलभूषण जाधव पाकिस्तान द्वारा सुनाई गई सज़ा के खिलाफ पाकिस्तान के उच्च कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं और वे यह चुनौती पाकिस्तान की आम अदालत में दे सकते है ना कि पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट में जहाँ न तो पारदर्शिता है और न ही न्याय की कुछ उम्मीद।
क्या है कुलभूषण जाधव का पूरा मामला?
कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी है और कुछ साल पहले उनको पाकिस्तान ने ईरान की सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया था।पाकिस्तान ने बिना उनका पक्ष जाने एक तरफा उन्हें जासूस घोषित कर दिया और उन्हें फांसी की सजा सुना दी।इसके खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में केस दायर कर दिया और हमेशा की तरह जीत भारत की हुआ और अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक लगा दी।
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने पाकिस्तान को ये भी नसीहत दी की कुलभूषण को भी अपना पक्ष रखने दिया जाए और जब तक उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नही मिल जाते तब तक उन्हें कोई भी सजा सुनाना गलत है।यह सब भारत के दबाव का ही नतीजा है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच से भी हर चुका है और उसे मजबूरन कुलभूषण को राइट टू अपील की इजाज़त देनी पड़ी।