भारत इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि भारत को लेके पूर्व में कई गयी कई भविष्यवाणियां गलत साबित हो रहीं हैं।भारत समय से पहले ही एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरा है और अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है।कोरोना जैसी वैश्विक महामारी भी भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनने से रोक नही पाएगी क्योंकि वर्ष 2020 जब पूरी दुनिया बन्द पड़ गयी थी और कोई व्यवसायिक गतिविधि नही हो रही थी तब भारत मे रिकॉर्ड विदेशी निवेश हुआ।
वर्ष 2020 में कोरोना की वजह से पूरे भारत मे सख्त लॉकडाउन लगाना पड़ा था जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह से नीचे गिर गयी थी।ऐसे में भारत मे ही कई लोग भारतीय अर्थव्यवस्था की आलोचना कर रहे थे लेकिन फिर भी दुनियाभर के निवेशकों को भारत और भारत की अर्थव्यवस्था पे पूरा भरोसा था और इसी वजह से पिछले साल भारत मे जमकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(Foreign Direct Investment) हुआ और भारत की अर्थव्यवस्था ने दोबारा बाउंस बैक करना शुरू कर दिया।संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष भारत मे करीब 64 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया जो कि एक रिकॉर्ड है।
भारत दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा FDI पाने वाला देश बना
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक जहाँ पिछले वर्ष कोरोना की वजस से वैश्विक एफडीआई(FDI) फ्लो में 35 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गयी तो वहीं भारत मे विदेशी निवेश में 2019 के अपेक्षा 7 फीसदी की वृद्धि देखी गयी।जहां एक तरफ वैश्विक एफडीआई फ्लो साल 2019 के 1500 अरब डॉलर से गिरकर 2020 में 1000 अरब डॉलर रह गया तो वही भारत मे 2019 में 51 अरब डॉलर की अपेक्षा 2020 में 64 अरब डॉलर का एफडीआई आया।इसी के साथ पूरी दुनिया मे सबसे ज्यादा एफडीआई पाने वाले देशों में भारत पांचवें स्थान पर रहा।