कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कोहराम मच रखा है और दुनिया का हर देश इस भयानक वायरस से परेशान है।इस वायरस ने हर वर्ग के लोगों को मुसीबत में दाल दिया है फिर चाहे वो अमीर हो या फिर गरीब।
यह वायरस न तो उम्र देखता है और न ही अमीर गरीब में फर्क करता है,इसका उद्देश्य केवल मानवता को खत्म करना है।पर सबसे बड़ा प्रश्न ये उत्पन्न होता है कि एक वायरस जिसने पूरी दुनिया को अपने आगोश में ले लिया,आया कहा से?
वास्तविकता में तो कोरोना वायरस को सबसे पहले चीन के वुहान शहर में पाया गया था उसके बाद से दुनिया का कोई ऐसे कोना नही बचा जहा इस वायरस ने अपना केहर न बरपाया हो।
लेकिन आज तक इस बात का पता नही चला कि दुनिया भर में लाखों लोगों की जान लेने वाला यह वायरस आया कहा से।इसपर के बार बहस हुई,सवाल जवाब हुए,कई देशों के बीच खींचा-तानी भी देखने को मिली लेकिन कुछ हाथ नही आया।
ब्रिटेन, नॉर्वे के वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
दुनिया भर के वैज्ञानिक कई महीनों से शोध कर रहे हैं कि आखिर दुनिया मे तबाही मचाने वाला ये वायरस उत्पन्न कहा से हुआ।पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों के मन मे सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि इस वायरस की उत्पत्ति प्राकर्तिक है या फिर इसे मानव द्वारा बनाया गया है।
इसी कड़ी में ब्रिटेन और नॉर्वे के वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति प्राकर्तिक नही है।ब्रिटेन के प्रोफेसर एंगस डलग्लिश और नॉर्वे के वैज्ञानिक डॉ बर्जर सोरेनसन ने अध्यन के बाद ये दावा किया गया है कि कोरोना वायरस को कृत्रिम रूप से वुहान लैब में बनाया गया है।
18 महीनों के अध्ययन के बाद दोनों वैज्ञानिकों ने एक हैरतअंगेज जानकारी दी।उनके मुताबिक कोरोना वायरस के स्पाइक में 4 एमिनो एसिड मिलें है जो कि प्रकार्तिक वायरस में मिलना असम्भव है।
दोनों वैज्ञानिकों के मुताबिक वुहान लैब के वायरस विशेषज्ञों द्वारा इसमे के छेड़ छाड़ की गई है और इसके साक्ष्य मिटाने के लिए कुछ ऐसे बदलाव किए गए के ये एक प्राकर्तिक वायरस लगे जो कि चमगादड़ से फैलता है।
Read Also-