नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली अक्सर भारत को लेके विवादित बयान देते रहते हैं और भारत और नेपाल के रिश्तों को खराब करने में लगे रहते हैं।अब उनका दिमाग खराब है या उनपर किसी का दबाव ये तो पता नही लेकिन ओली अपने विवादित और बेबुनियादी बयानों के कारण आने ही देश मे कई बार विरोध झेल चुके हैं और यही कारण है कि ओली की प्रधानमंत्री की कुर्सी खतरे में है।जहां एक तरफ पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही थी तो वहीं भारत के पड़ोसी देश नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने योग को लेके एक नई थ्योरी पेश की।
प्रधानमंत्री ओली का कहना है कि योग का जन्म भारत मे नही बल्कि नेपाल में हुआ था।चलो यहाँ तक तो ठीक था हद तो तब हो गयी जब उन्होंने यह कहा कि जब योग की उत्पत्ति हुई तब भारत था ही नही।अब ओली को कौन बताये की पूरा नेपाल ही कभी भारत का हिस्सा था और सच तो यह है कि जब योग का जन्म हुआ तब नेपाल का कोई वजूद नही था।यह भारत की महानता है कि भारत अपने पड़ोसी देश जो कभी उसी का हिस्सा थे उनपर कभी जोर जबरदस्ती नही करता व हर वक्त मदद के लिए खड़ा रहता है।
ओली पहले भी दे चुके है अयोध्या को लेके विवादित बयान
नेपाल के प्रधानमंत्री को भारत से क्या तकलीफ है पता नही क्योंकि जो आज तक किसी देश ने नही किया ऐसे बिना सर पैर वाले विवादित बयान ओली भारत को लेके लगातार दे रहें है।अभी कुछ महीनों पहले ही ओली ने अयोध्या और भगवान राम को लेके एक विवादित बयान दिया थे जिसमें उन्होंने भगवान राम का जन्म स्थान नेपाल बताया था और असली अयोध्या भी नेपाल में ही बताई थी।
ओली के ऐसे बयानों का विरोध न सिर्फ भारत मे बल्कि नेपाल में भी जोर शोर से हो रहा है।नेपाल के लोग उनके भारत को लेके दिए गए बयानों के खिलाफ है और वे भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं।बता दें कि ओली के चीन के साथ काफी अच्छे रिश्तें है और ऐसा कहा जा रहा है कि ऐसे बयान ओली चीन के कहने पर ही देते है।आपको बता दें की ओली पर चीन से पैसे लेने व भ्रस्टाचार के भी आरोप लगे हैं और यही कारण है कि उनकी प्रधानमंत्री की कुर्सी जल्द ही जाने वाली है।
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