चीन ने कोरोना फैला के पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है।इसके साथ ही शायद ही चीन के आस पास कोई ऐसा देश हो जिसका चीन के साथ सीमा विवाद या कोई और विवाद न चल रहा है।Japan भी ऐसे देशों में एक है।दरअसल जापान और चीन के बीच में एक द्वीप को लेकर विवाद है।चीन दावा करता है कि Japan का वह द्वीप उसका है।ऐसे में अब जापान ने भी चीन को सबक सिखाने के लिए एव बड़ा कदम उठाया है।दरअसल Japan ने पहली बार ताइवान को चीन के मानचित्र से हटाकर चीन को एक बड़ा झटका दिया है।
जापान ने अपनी डिफेंस पत्रिका में चीन पर साधा निशाना
जापान हर वर्ष अपनी डिफेंस पत्रिका-डिफेंस ऑफ जापान वाइट पेपर(Defence of Japan White Paper) जारी करता है जिसमे Japan आने वाले वर्षों में अपनी रक्षा नीति व अपने रक्षा क्षेत्र से जुड़े एहम फैसलों के बारे में बताता है।जापान इस पत्रिका में कई क्षेत्रीय मुद्दों के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपने विचार और अपना दृष्टिकोण रखता।इसमें जापान कई देशों के साथ उसके सम्बन्धों का उल्लेख भी करता है।
इस बार भी Japan ने अपनी पत्रिका में चीन और ताइवान का उल्लेख किया लेकिन पहली बार जापान ने ताइवान और चीन को अलग अलग दिखाया।इससे पहले जापान ताइवान को चीन का ही हिस्सा दिखता आ रहा था लेकिन इस बार जापान ने स्पष्ट रूप से ताइवान को चीन से अलग दिखाया व अलग उल्लेखित किया।
जापान ने भारत को बताया अपना एहम साझेदार
इस पत्रिका में Japan ने कई मुद्दों का उल्लेख किया लेकिन सबसे एहम मुद्दा था हिन्द-प्रशांत(Indo-Pacific) क्षेत्र में शांति व स्थिरता और चीन की हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती आक्रामकता व मनमानी को रोकना।पत्रिका में चीन से होने वाले खतरों और इसको रोकने के विषय में भी बात की गई है।Japan ने भारत को अपना एहम साझेदार बताया है और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत को एक महत्वपूर्ण सहभागी भी बताया है।Japan भारत,अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया यानी क्वाड(QUAD) के साथ मिलकर भविष्य में क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए काम करता रहेगा।इस पत्रिका मालाबार युद्धाभ्यास(Malabar Exercise) के बारे में भी लिखा गया है और इसको हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की शांति के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है साथ ही चारो क्वाड देशों के बीच आपसी मेल और सामंजस बढ़ाने के लिए भी मत्वपूर्ण बताया है।
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