चीन अब अपने आपको नई सुपरपावर कहता है और इसने पिछले दो दशकों में बेहद तेज गति से तरक्की की है।अपने विकास के पथ पर चीन ने सब्स ज्यादा जोर इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया जिससे लोगों को बेहतर जगह मिली रहने के लिए और विदेशी कंपनियों को अपनी मैन्युफैक्चरिंग के लिए बेहतर वातावरण।चीन ने पिछले दो दशकों में बहुत सारी गगनचुंबी इमारतें बना दी।अब भले ही चीन ने हर क्षेत्र में विकड कर लिया हो और चीन ने ज्यादा ध्यान संख्या पे दिया न कि गुणवत्ता पे।शायद यही कारण है कि दुनियाभर में मेड इन चाइना अपनी खराब गुणवत्ता के मशहूर है।अब चीन ने अपनी खराब गुणवत्ता के कारण ऊंची इमारतों पर प्रतिबंध लग दिया है।
कई गगनचुंबी इमारतों के हिलने की खबर आ चुकी है सामने
चीन ने ऐसे ही नही ऊंची इमारतों ओर प्रतिबंध लगाया है।दरअसल इसके पीछे का कारण है इमारतों को खराब हालत।आपको बता दें कि कई बार चीन से ऐसी खबरें सामने आ चुकी है कि इमारतें अपने आप हिलने लगती है।अभी मई में ही चीन के शेनझेन में एक 72 मंजिला इमारत के अचानक हिलने के कारण उसको बन्द कर दिया गया।जाहिर है ऐसी ऊंची इमारतों में कई लोग कम करते हैं व कई बड़ी बड़ी कंपनियों के आफिस होते है ऐसे में किसी भी दुर्घटना की स्थिति में जान माल का भारी नुकसान हो सकता है।
दुनिया में सबसे ज्यादा गगनचुंबी इमारतें चीन में
जैसा कि हमने आपको पहले बताया पिछले दो दशकों में चीन से सबसे ज्यादा ध्यान अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया।इसलिए चीन में दुनिया मे सबसे ज्यादा स्काईस्क्रैपर्स(Skyscrapers) यानी गगनचुंबी इमारतें है।चीन में करीब 1400 से भी ज्यादा स्काईस्क्रैपर्स हैं और दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची इमारत शंघाई टावर भी चीन में है।लेकिन बात फिर वहीं क्वालिटी ओवर क्वांटिटी पर आ जाती है।चीन सिर्फ क्वांटिटी ओर ध्यान देता है ना कि क्वालिटी ओर इसलिए शायद अब चीन अपने यहाँ कई इमारतों को बंद कर रहा है तो वही भविष्य में ऐसी इमारतों को ना बनाने का फैसला ले रहा है।