इजराइल में लगभग दो सालों से चल रही राजनीतिक उथल पुथल नफ़्ताली बेनेट(Naftali Bennett) के प्रधानमंत्री बनने के बाद खत्म होती दिख रही है।Israel में राजनीतिक उथल पुथल अभी हाल ही में हुए इजराइल और फिलिस्तीन के बीच यूद्ध के बाद से बढ़ गयी।दरअसल इजराइल ने संघर्ष विराम(Cease Fire) का ऐलान करते हुए फिलिस्तीन के साथ युद्ध खत्म कर दिया था जिसके बाद इजराइल के लोगों में पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया जिसके बाद उनकी सरकार का गठबंधन टूट गया।
आपको बता दें कि नेतन्याहू पिछले 12 वर्षों से इजराइल के प्रधानमंत्री थे और उन्हें Israel के सबसे लोकप्रिय व ताकतवर नेता के रूप में देखा जाता था लेकिन भ्रस्टाचार के आरोपों के कारण 2019 से ही उनकी सरकार गिरने की कगार पे थी लेकिन किसी तरह से बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी सरकार दो साल और खीच ली।लेकिन आखिर में इजराइल फिलिस्तीन यूद्ध ने नेतन्याहू युग का अंत कर दिया और नफ़्ताली बेनेट नए प्रधानमंत्री चुने गए।
दो साल में हुए चार बार हुए चुनाव
इजराइल का राजनीतिक ढांचा या यह कहें कि वहाँ की डेमोग्राफिक्स ऐसी हैं कि वहाँ कोई भी पार्टी कभी बहुमत हासिल नही कर पाती और हर बार गठबंधन की ही सरकार बनती है।अब पिछले दो वर्षों में इजराइल में ऐसा राजनीतिक संकट आया कि 2 वर्ष में चार बार चुनाव हुए।हालांकि अभी हाल ही में हुए चुनावों को छोड़कर हर बार नेतन्याहू ही चुनाव जीते।
मात्र एक वोट से जीते नफ़्ताली बेनेट
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि इजराइल के राजनीतिक ढांचा बहुत जटिल है व वहाँ बिना गठबंधन के सरकार नही बन सकती और इस बार भी यही हुआ।दरअसल Israel की संसद नेसेट(Knesset) में कुल 120 सीट है और बहुमत के लिए 61 की जरूरत होती है।अब ऐसे में नफ़्ताली के पक्ष में 60 वोट पड़े तो उनके विरोध में 59 और इस प्रकार वे 1 वोट से Israel के नए प्रधानमंत्री बन गए।