इजराइल ओर फिलिस्तीन के बीच कुछ दिन पहले ही संघर्ष विराम की घोषणा हुई थी जिसके बाद पूरी दुनिया ने चैन की सांस ली थी।इसी संघर्ष विराम के कारण इजराइल में बहुत बड़ा रानीतिक उलटफेर हुआ था और 12 वर्षों के बाद इजराइल को नए प्रधानंत्री मिले थे।अब दुनिया को लग रहा था कि नए प्रधानमंत्री बनने से इजराइल और फिलिस्तीन के बीच कुछ शांति की उम्मीद की जा सकती है लेकिन हुआ इसका एकदम उलटा।इजराइल की नई सरकार बनने के दो दिन के अंदर ही इजराइल ने गाजा में भीषण बम वर्षा कर दी।
दुनिया को लग रहा था कि नेतन्याहू के जाने के बाद इजराइल फिलिस्तीन को लेके कुछ नर्म पड़ सकता है और मिडिल ईस्ट में कुछ शांति हो सकती है।लेकिन इजराइल के नए प्रधानमंत्री नफ़्ताली बेनेट नेतन्याहू से भी ज्यादा उग्र है हमास और फिलिस्तीन को लेके।नफ़्ताली बेनेट ने अपने प्रधानमंत्री की शपथ लेने के दो दिन बाद ही गाज़ा पट्टी पर बड़ी तादाद में बमबारी की।वे पहले कई बार अपने भाषण में कह चुके है की वे प्रधनमंत्री बनते ही फिलिस्तीन के काफी बड़े हिस्से को इजराइल में मिला देंगे।
हालांकि इस बमबारी का एक पक्ष यह भी बताया जा रहा कि इजराइल की वायुसेना ने ये बमबारी हमास की तरफ से इजराइल की ओर छोड़े गए विस्फोटक से लदे गुब्बारों(Incendiary Balloons) के जवाब में की है।
क्या होते है Incendiary Balloons?
हो सकता है ये नाम आपको सुनने में अजीब व नया सा लग रहा हो लेकिन इसमें नया कुछ नही है।यह इद्ध लड़ने की एक पुरानी तरकीब है जिसे आज से कई सौ सालों से प्रयोग किया जा रहा है।दरअसल विस्फोटक से लदे गुब्बारों को ही Incendiary Balloons कहा जाता है।
गैस से भरे गुब्बारों में भारी मात्रा में विस्फोटक लड़ दिया जाता है व हवा के रुख के हिसाब से इन्हें दुश्मन के क्षेत्र की तरफ छोड़ दिया जाता है और कुक्ज समय बाद जैसे ही इनकी गैस खत्म होती है इनपर लगा विफोटक दुश्मन के क्षेत्र में फट जाता है और कई लोग मारे जाते हैं।
कई बार हवा के उल्टे बहने के कारण इस तरकीब से अपना खुद का भी नुकसान हो जाता है।यह एक बेहतर तरकीब इसलिए भी नही है क्योंकि कई बार इससे मासूम लोग भी मारे जाते है।