भारत को दुनिया की एक उभरती हुई महाशक्ति(superpower) के रूप में देखा जा रहा है और इसमे कोई दो राय नही है।भारत दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश है और एक परमाणु सम्पन्न(nuclear capable) देश भी है।ऐसे में भारत पूरी तरह से हथियारों व रक्षा उपकरणों के मामले में अन्य देशों पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है।इसी की वजह से ही भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत जैसे महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है।
आत्मनिर्भर भारत के तहत देश मे ही बनेंगें 108 रक्षा उपकरण व हथियार:
भारत ने पिछली साल ही कई रक्षा उपकरणों व हथियारों के आयात(import) पर प्रतिबंध लगा दिए थे और ये अब दूसरी सूची जारी की है जिसमें की कुल 108 रक्षा उपकरण व हथियार है जिनके आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।आपको बताते चलें कि पिछली सूची में 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया था।
इस सूची में काफी उन्नत तकनीक(advance technique) वाले हथियारों,रक्षा प्रणालियों अथवा के रक्षा उपकरणों को शामिल किया गया है जिन्हें अब पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से भारत में निर्मित किया जाएगा।इस सूची में हेलिकॉप्टर्स(helicopters),नई पीढ़ी के युद्धक पोत(Corvette),राडार(radar), मध्यम रेंज के डिफेंस सिस्टम(MRSAM),और कई अन्य उन्नत व नई पीढ़ी के रक्षा उत्पाद शामिल हैं।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत से दुनिया को भी फायदा:
भारत रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनना चाहता है और इसमें न सिर्फ भारत को बल्कि पूरी दुनिया को फायदा है।इस समय पूरी दुनिया हथियारों व रक्षा उपकरणों के मामले में दो हिस्सों में बीती हुई है उसमें एक तरफ हैं अमेरिका तो दूसरी तरफ है रूस।
यदि किसी भी देश को कोई रक्षा उपकरण व हथियार चाहिए तो या तो वो रूस के पास जाए या फिर अमेरिका के पास और एक से रक्षा उपकरण या कोई भी हथियार खरीदना मतलब दूसरे से दुश्मनी ऐसे में दुनिया मे केवल एक मात्र देश भारत है जिसके रूस व अमेरिका दोनों के साथ ही अच्छे संबंध है।ऐसे में भारत रक्षा उपकरणों व हथियारों के लिए एक अच्छा विकल्प होगा।
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