अभी दुनिया पूरी तरह से कोरोना से उभर भी नही पाई थी कि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक चौकाने वाला बयान जारी कर दिया जिसके बाद से मानों दुनिया मे हड़कंप मच गया।दरसल दो अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दुनिया को चेताया है और कहा कि Covid-26 और Covid-32 के लिए तैयार रहें।
कोरोना कहाँ से आया? ये अभी भी एक ऐसा सवाल की इसका जवाब दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक,डॉक्टर,विशेषज्ञ अथवा शोधकर्ता के पास नही है।दुनिया अभी तक नही जान पाई कि पूरी दुनिया मे हाहाकार मचाने वाला यह वायरस आखिर आया कहाँ से और इसकी वास्तविकता में उत्पत्ति हुई कैसे।
इसी सवाल के संदर्भ में दो अमेरिकी वैज्ञानिक स्कॉट गॉटलीब व पीटर होट्स ने दुनिया को चेताते हुए कहा है कि यह पता लगाना बेहद जरूरी है कि SARS-COV-2 की उत्पत्ति कहाँ से और कैसे हुई।
क्या कहना है वैज्ञानिकों का?
वैज्ञानिकों ने कहा कि भविष्य में कोरोना के प्रभावों व कोरोना जैसे अन्य बीमारियों से बचना है तो SARS-COV-2के ओरिजिन का पता लगाना अति महत्वपूर्ण है साथ ही इसके ओरिजिन को लेके चीन को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
आपको बताते चलें कि पूरी दुनिया का यह मानना है कि चीन में कोरोना के ओरिजिन को लेके एक प्रभावी व निष्पक्ष जांच होनी चाहिए लेकिन चीन कभी भी इस को लेके गंभीर नही दिखा।चीन कभी कोरोना की निष्पक्ष जांच के लिए सहयोग नही देता।
अब अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि वुहान लैब में कोरोना बनने की थ्योरी काफी हद तक सही लगती है साथ ही इसपे के साक्ष्य भी मिलें तो ये जानना आव्यशक है कि क्या वाकई में कोरोना को वुहान लैब में बनाया गया।
दूसरी तरफ अमेरिकी वैज्ञानिक का ये भी दावा है कि चीन कोई मजबूत सबूत नही दे पाया है कि उसकी वुहान लैब से कोरोना की उत्पत्ति नही हुई ऐसे में चीन को सामने आके इसके लिए अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
क्या है Covid-26 और Covid-32?
अमेरिकी वैज्ञानिक पीटर होट्स का कहना है कि कोरोना जिस तरह से फैल है व जिस तरह से उसने अपने रूप बदले है उससे भविष्य में भी महामारियों के फैलने के खतरे से इनकार नही किया जाता और शायद अब से 4-5 साल बाद या फिर उसके भी बाद इस तरह कि कई महामारियां विश्व में फैल सकती हैं।
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