अब जब कि भारत का सामना पाकिस्तान से नही चीन से है तो भारत भी अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत कर रहा है।भारत किसी भी लिहाज़ से चीन से पीछे नही रहना चाहता।भारत चीन की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देने की पूरी तैयारी कर रहा है फिर चाहे जमीन हो,आसमान हो या समुद्र ही क्यों न हो।भारत अपने हथियारों का जखीरा बेहद तेज गति से बढ़ा रहा है और नए व अत्याधुनिक हथियारों को अपनी सेनाओं में शामिल कर रहा है।इसके लिए भारत खुद भी बेहद घातक और अत्याधुनिक हथियार बना रहा है साथ ही अन्य देशों जैसे अमेरिका,इजराइल,रूस,फ्रांस आदि से भी हथियार खरीद रहा है।अब शनिवार को अमेरिका ने अपने सबसे खतरनाक हथियारों में से एक रोमियो यानी MH-60R हेलीकाप्टर भारत को सौंपे हैं।
भारत ने अमेरिका के साथ किया था 2.4 अरब डॉलर का रक्षा सौदा
भारत और अमेरिका के मजबूत सम्बन्ध किसी से छुपे नही हैं और इन्हीं सम्बन्धों की वजह से ही अमेरिका अपने बेहद खतरनाक और अत्याधुनिक हथियार भारत को देता है।दरअसल 2020 की फरवरी में जब उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) भारत आये थे तब भारत ने अमेरिका के साथ MH-60R हेलीकाप्टर की खरीद का सौदा किया था।भारत ने अमेरिकी की दिग्गज कंपनी लॉकहीड मार्टिन(Lockheed Martin) द्वारा बनाये गए 24 MH-60R हेलीकाप्टर का सौदा करीब 2.4 अरब डॉलर में किया था।अब अमेरिका के तरफ से पहले दो MH-60R हेलीकाप्टर औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना(Indian Navy) को सौंप दिए गए हैं।बता दें कि की इस हेलीकाप्टर को उड़ाने के लिए भारतीय दल की ट्रेनिंग पहले से ही अमेरिका में चल रही है।यह कार्यक्रम सैन डिएगो के नौसैन्य हवाई स्टेशन नार्थ आइलैंड में सम्पन्न हुआ।
जानें MH-60R की खासियत
MH-60R या रोमियो हेलीकाप्टर अमेरिका के बेहद घातक और खास हथियारों की सूची में शामिल है।यह हर मौसम में काम करने वाला एक मल्टी रोल हेलीकाप्टर है यानी इसे कई प्रकार के मिशन के लिए उपयोग किया जा सकता है।लेकिन इसकी सबसे बड़ी और प्रमुख खासियत है पनडुब्बियों(submarine) का शिकार इसलिए इसे दुनिया का सबसे घातक सबमरीन हंटर(submarine hunter) भी कहा जाता है।यह हेलीकाप्टर समुद्र में कई फुट नीचे छुपी पनडुब्बी को पल भर में ही तबाह कर देता है।यह अत्याधुनिक सेंसर्स व हथियारों से लैस है तथा इसका उपयोग हिंद महासागर में निगरानी के लिए भी किया जा सकता है।ये चीन की हिंद महासागर(Indian Ocean) में बढ़ती उपस्थिति को रोकने में बेहद मत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि चीन की पनडुब्बियां आये दिन हिंद महासागर में घुसपैठ की फिराक में रहती हैं।
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