भारतीय सरकार ने सोमवार को एक बयान जारी किया कि वह अफगानिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। इसके साथ ही भारत ने यह भी बताया कि वह युद्धग्रस्त देश छोड़ने की इच्छा रखने वाले सिखों और हिंदुओं को आने के लिए सुविधाएं मुहैया कराएगा। इस बीच काबुल पर तालिबान का नियंत्रण स्थापित हो जाने के बाद से ही अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर अस्थिरता के बादल मंडरा रहे हैं और काबुल हवाई अड्डे पर से सभी कमर्शियल उड़ानों की आवाजही पर रोक लगा दी गई है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के एक दिन बाद भारत के सभी रक्षा अधिकारियों, विदेश नीति से जुड़े प्रतिष्ठानों और वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने सोमवार को वहां तेजी से बिगड़ते हालात की समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक से संबंधित जानकारों ने बताया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां तेजी से बिगड़ते हालात के मद्देनजर सरकार की प्राथमिकता अफगानिस्तान में फंसे लगभग 200 भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाना है। इनमें भारतीय दूतावास के कर्मी और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
यह भी पढ़ें
भारत में हर जगह क्यों है Covaxin की किल्लत? सरकारी वैक्सीन पैनल प्रमुख ने बताया